आदिवासी महिला खिलाड़ी ने बताया कि ऐसा मेरे साथ दो बार हो चुका है कि मुझे उच्च स्तरीय खेलों में प्रतिभाग करने के लिए नहीं चुना गया, मेरे जगह पर ऐसे खिलाड़ी को चुना गया जिसने कभी खेल में हिस्सा नहीं लिया है, जबकि मैंने बेहतर प्रदर्शन किया था।
राजस्थान। आज के मौजूदा समय में लड़कियां हर फिल्ड में अपना मुकाम हासिल कर रही है। देश से लेकर विदेशों तक खेलों में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से मां-बाप, देश, समाज सभी का नाम रोशन करने वाली लड़िकयों को आज भी खुद के साथ सौतेले व्यवहार का सामना करना पड़ता है। ताजा मामला राजस्थान का है जहां, एक होनहार आदिवासी लड़की को आगे बढ़ने से रोका जा रहा है। एक आदिवासी होनहार कॉलेज छात्रा जो पढ़ाई के साथ खेल में भी अपना और अपने समाज का नाम रोशन कर रही है, उसे आज अपने साथ दोहरे रवैये के खिलाफ़ आवाज उठानी पड़ रही है।
क्या है पूरा मामला
राजस्थान की एक आदिवासी कब्बड्डी खिलाड़ी पिस्ता मीणा, जो खजुरी नैनवां पीजी कॉलेज में सेकंड ईयर की छात्रा हैं, कब्बड्डी में कई बार स्टेट और डिस्ट्रिक्ट लेवल (जिलास्तरीय) खेलों में प्रतिभाग कर चुकी हैं, ने खेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
सीएम @ashokgehlot51 जी, बूंदी जिले निवासी कब्बड़ी की प्रतिभावान खिलाड़ी पिस्ता मीणा के साथ राजस्थान खेल विभाग के अधिकारियों व स्थानीय जिलाप्रशासन द्वारा भेदभाव का रवैया शर्मनाक है। सरकार को संज्ञान लेकर इस भ्रष्ट व जातिवादी सिस्टम को सुधारने की जरूरत है। #पिस्ता_मीना_को_न्याय_दो https://t.co/RQO8DYu2ro
— Tribal Army (@TribalArmy) December 28, 2021
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर द मूकनायक से बातचीत में उन्होंने बताया, “मैं पीजी कॉलेज से करौली कब्बड्डी खेलने गई थी। इस दौरान वहां पर हमारे कॉलेज की सेकंड पोजिशन आई। वहां पर मेरे खेल से प्रभावित होकर मुझे बताया कि आपका नेशनल के लिए सलेक्शन हो गया है। जब भी टीम आगे नेशनल लेवल पर जाएगी तो आपको सूचना दे दी जाएगी।”
पिस्ता मीणा ने आगे कहा, “इस दौरान टीम नेशनल लेवल के लिए सलेक्ट हो गई लेकिन अंत समय में चयनकर्ताओं ने मेरा नाम हटा दिया। मैंने पूरी टीम के नाम देखे लेकिन उसमें बस मेरा नाम कहीं नहीं था।”
दूसरे खिलाड़ी का हुआ चयन
पिस्ता मीणा की जगह जिस खिलाड़ी को नेशनल खेल के लिए टीम में जगह मिली है वह खिलाड़ी एक्स्ट्रा प्लेयर के तहत टीम से जुड़ी थी। इस बात की जानकारी खुद मीणा ने दी।
मीणा ने कहा कि, “मैने जिम्मेदार लोगों से सम्पर्क किया तो उन्होंने जवाब दिया कि आपका सलेक्शन नहीं हुआ है। आपकी जगह किसी और का सलेक्शन हो गया है। जब मैने उसका नाम पूछा तो उन्होंने मुझे उस लड़की का नाम बताया गया जो एक्स्ट्रा खिलाड़ी थी। जिस खिलाड़ी का सलेक्शन हुआ है उसने एक भी मैच नहीं खेला है।”
कोई जवाब देने को तैयार नहीं
द मूकनायक से बात करते हुए पिस्ता मीणा ने बताया कि मेरे सवालों का जवाब देने के लिए कोई राजी नहीं है। उन्होंने कहा, “जब मैने उनसे (जिम्मेदारों) पूछा कि उसका (दूसरे खिलाड़ी) नाम कैसे सलेक्ट किया तो मुझे कोई भी जवाब देने के लिए तैयार नहीं था।”
मीणा ने द मूकनायक के संवादाता से साफ कहा कि इस पूरे मामले में खेल विभाग और उससे जुड़े लोग जिम्मेदार हैं।
वह कहती हैं, “यह मेरे साथ दूसरी बार हुआ है जब मुझे आगे बढ़ने से रोका गया है।”
कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
इस पूरे मामले पर पिस्ता मीणा ने द मूकनायक को बताया, “हमनें खेल मंत्री अशोक चांदना जी के नाम से कलेक्टर साहब को इस मामले पर कारवाई को लेकर ज्ञापन सौंपा है। मुझे आशा है न्याय मिलेगा।”
आपको बता दें कि, इस पूरे घटनाक्रम पर सोशल मीडिया पर भी कई सोशल एक्टिविस्ट ने आवाज उठाई है।