राजस्थान। देश में आए दिन हम एकता, अखंडता और समानता की बात लोगों के मुंह से सुनते हैं। लेकिन सच्चाई इससे इतर है। आज भी समाज में जातिवाद का शिकार कुछ वर्ग विशेष के लोग होते हैं। ताजा मामला राजस्थान का है जहां एक दलित परिवार सवर्णों की प्रताड़ना का शिकार हो रहा है। प्रशासन से न्याय की उम्मीद लगाए इस परिवार को 9 महीने हो गए हैं। अपने परिवार की सुरक्षा के लिए दलित अशोक मेघवाल को वह गांव छोड़ना पड़ा जहां बचपन से लेकर जवानी तक का सफर तय किया था, और जो उनकी जन्मस्थली थी।
क्या है पूरा मामला
राजस्थान में एक बार फिर से ठाकुरों के जुल्मों के चलते दलित परिवार डर के साए में अपनी जिंदगी बिता रहा है। घटना पाली के रोहट थाना क्षेत्र के सिराणा गांव की है। यहां पिछले 9 महीनों से एक दलित परिवार न्याय की आस लेकर जी रहा है।
इस घटना पर द मूकनायक ने जब पीड़ित अशोक मेघवाल से बात कि तो उन्होंने अपने ऊपर हुए प्रताड़ना को बयां किया:
“19 मार्च 2021 का वह दिन मेरे और मेरे परिवार पर दुखों का पहाड़ बनकर टूटा। ठाकुर हुकुम सिंह और उसके परिवार वाले हमारी जमीन पर कब्जा करना चाहते थे। जब इसको लेकर हमनें उनका विरोध किया तो मेरे परिवार पर लाठी डंडों से हमला कर दिया।”
घर की महिलाओं को भी नहीं छोड़ा
“उन्होंने मेरे परिवार की महिलाओं को भी नहीं छोड़ा। मेरी मां के सिर पर लाठी से वार किया। सिर में गंभीर चोट से वह लहूलुहान हो गईं। जब मेरी मां का बचाव करने मेरी 7 माह की गर्भवती बहन आई तो उसके भी पेट में लात मारकर गिरा दिया गया।” मेघवाल ने बताया।
उन्होंने आगे कहा, “घटना के बाद ठाकुर लोग हमें मारने की धमकी देने लगे। जातिसूचक गालियां देने लगे। कहा ढेड़ चमार तुझे तो जान से मार देंगे। इस पूरे घटनाक्रम पर मैने एक वीडियो भी बनाया था जिसमें आरोपी मेरे परिवार की महिलाओं से मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं।”
गांव छोड़ने का फैसला किया
पीड़ित ने द मूकनायक से बताया कि ठाकुरों के उत्पात के चलते उनका जीना दुश्वार हो गया था। उन्होंने कहा,“ मेरापूरा परिवार दहशत में जी रहा था। जान से मारने की हमें लगातार धमकी मिल रही थीं।”
“इन सब को देखते हुए एक दिन मैंने और परिवार के लोगों ने गांव छोड़ने का फैसला किया। अंत में घर खेत खलिहान सबकुछ छोड़ दिया।” अशोक ने कहा।
पाली सिराणा प्रकरण मेरी माँ और गर्भवती बहिन के ऊपर लड़ाई करने वाला आरोपी चंदन सिंह राजपूत अभी तक गिरफ्तार नही हुआ है। @PaliPolice @Igp_Jodhpur @RajPoliceHelp @JaiBhimIT_Team @Kush_voice @thevijaysampla @Profdilipmandal @bhanwarmegh @1stIndiaNews @News18Rajasthan @zeerajasthan_ pic.twitter.com/bsWfwn4w5v
— Ashok kumar Meghwal (@AshokMeghwal_) May 4, 2021
पड़ोसी को भी गवाही देना पड़ा भारी
अपने साथ हुए इस अमानवीय व्यवहार को बताते बताते पीड़ित का गला भर आया।
“मेरे परिवार के साथ हुई मारपीट को लेकर मेरे पड़ोसी दानाराम मेघवाल ने गवाही दी थी। मैंने गांव छोड़ दिया तो अब मेरे गवाह दानाराम और उसके परिवार वालों पर दबाव बनाया जा रहा है।” -रुआँसे शब्दों में अशोक ने बताया।
उन्होंने बताया कि, “हमारे पड़ोसियों के प्लॉट पर अवैध कब्जा किया गया। जो बाद में पाली पुलिस और प्रशासन के सहयोग से हटाया गया। अब उनको भी जान से मारने की धमकियां दी जा रही है। परिवार रात-दिन दहशत के साए में जी रहा है।”
अशोक ने कहा कि, “पड़ोसियों का अब गांव में आना-जाना बंद हो गया है। वे परिवार में से किसी को भी मार सकते हैं इस बात का डर सता रहा है। वो लोग भी गांव छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।”
पड़ोसियों ने भी बताई अपनी दास्तां
द मूकनायक ने पड़ोसी दानाराम और उनके परिवार से भी सम्पर्क किया। दानाराम के बेटे ने कहा कि, “साहब हम तो रोज मर-मर के जी रहे हैं। पूरे गांव में हमारा जीना मुश्किल हो रहा है। हमारा घर से निकलना दुभर हो गया है।”
उसने आगे कहा, “वे हमारी छोटी-छोटी बच्चियों को पत्थर मार रहे हैं। असामाजिक तत्वों द्वारा हमें हथियार से डराया धमकाया जा रहा है। जान से मारने की धमकी दी जा रही है। अब हम करें तो क्या करें। अगर हमें सुरक्षा नहीं दी गई तो हम भी जल्द ही गांव छोड़ देंगे। अगर हमने गांव नहीं छोड़ा तो वो लोग किसी को भी मार देंगे। हम गरीब लोग हैं, दलित हैं, गांव छोड़ना ही हमारी मजबूरी बन गई हैं।”
असामाजिक तत्व लगातार धमकियां दे रहे है पत्थर फेंक रहे है हथियार से डरा रहे है घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। सिराणा में दानाराम मेघवाल का परिवार अभी भी दहशत में है। @RajPoliceHelp @PaliPolice परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करें।@KotwalMeena @The_Mooknayak pic.twitter.com/I5UaSMZmc0
— Najir Hussain (@Najir_Hussain88) January 14, 2022
आरोपी आज भी खुले आम घूम रहे
अशोक मेघवाल ने द मूकनायक को बताया कि, “सारे सबूत और गवाही देने के बाद भी सभी आरोपी आज भी खुलेआम घूम रहे है।”
उन्होंने आगे कहा, “पुलिस प्रशासन द्वारा इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ये लोग आज भी अपने ठाकुर होने का दंभ भरते हैं। हम जैसे गरीब लोगों की जमीन पर कब्जा कर उन्हें बेच देते हैं।”
सोशल मीडिया पर उठी न्याय की मांग
सोशल मीडिया पर लगातार लोग पुलिस प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं। अशोक मेघवाल और दानाराम मेघवाल को लेकर सुरक्षा और न्याय की आवाज लगातार सोशल मीडिया पर उठ रही है।
पूरी घटना को लेकर सोशल एक्टिविस्ट और पत्रकार लगातार दोनों परिवारों को सुरक्षा देने और न्याय की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस को शर्म से डूब मरना चाहिए। एक SC भाई महीनों से न्याय के लिए गिड़गिड़ा रहा है लेकिन कांग्रेस के कान में जूं तक नहीं रेंग रही। गर्भवती महिला को पीटने वाले ठाकुर खुला घूम रहे हैं। क्या यही आपका न्याय है? तत्काल हस्तक्षेप कीजिए। @RahulGandhi @priyankagandhi https://t.co/ytfxLML2q0
— Suraj Kumar Bauddh (@SurajKrBauddh) January 14, 2022
पुलिस ने दिया जवाब
सोशल मीडिया पर आवाज उठने पर सिरोही पुलिस और पाली पुलिस ने भी ट्विट कर जवाब दिया है।
मामला पाली जिले के rohat थाना से संबंधित है I पत्रावली अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिरोही को IG साहब द्वारा निष्पक्ष अनुसंधान के लिए स्थानांतरित की गई है I मुक़दमे का अनुसंधान श्रीमान IG साहब जोधपुर के पर्यवेक्षण में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिरोही द्वारा किया जा रहा है I
— Police Sirohi (@SirohiPolice) January 14, 2022
दानाराम द्वारा किसी प्रकार की लिखित रिपोर्ट नहीं दी गई है। पुलिस चौकी जैतपुर (थाना रोहट) की गश्त व निगरानी जारी है। मौके पर शांति है।
— Pali Police (@PaliPolice) January 14, 2022
इस घटना के बाद लोगों का सवाल यहीं है कि आखिर कब तक दलित समुदाय सवर्णों की प्रताड़ना का शिकार होता रहेगा। क्या इन सब पर पुलिस तमाशबीन बनी रहेगी।