दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज में इतिहास के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रतन लाल द्वारा सोशल मीडिया पर की गई एक पोस्ट को लेकर बवाल हो गया और उनके खिलाफ FIR दर्ज़ कराई गई है. डॉ. रतन लाल ने ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) के वज़ूखाने में मिले कथित शिवलिंग पर एक पोस्ट लिखी थी, जिसे कुछ लोगों ने आपत्तिजनक कहते हुए उनके खिलाफ दिल्ली के मौरिस नगर थाने में शिकायत दर्ज़ करवाई है. डॉ. रतन लाल पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है.
ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) के वज़ूखाने में मिले कथित शिवलिंग पर रतन लाल ने पोस्ट की ज़िसमें उन्होनें लिखा कि “यदि यह शिवलिंग तो लगता है शायद शिव जी का भी खतना कर दिया गया था” इस पोस्ट के साथ उन्होनें तस्वीर भी साझा कि जो ज्ञानवापी मस्जिद के वज़ूखाने में मिले कथित शिवलिंग की बताई जा रही है.
परिवार को मिल रहीं धमकियाँ
इस पोस्ट को लेकर डॉक्टर रतन लाल और उनके परिवार को धमकियां भी मिलने लगी है. धमकियों लेकर उन्होनें प्रधानमंत्री से सुरक्षा की मांग भी है. प्रधानमंत्री को लिखे अपने खुले पत्र में वो 2 सुरक्षा गार्ड की मांग करते हैं और कहते हैं कि अगर ऐसा नहीं हो सकता तो उन्हें ही Ak -56 रायफल का लाइसेंस मुहैया करवाया जाये.
हालांकि, सोशल मीडिया पर एक ओर जहां लोग डॉ. रतन लाल की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं वहीं बड़ी संख्या में लोग उनका समर्थन भी कर रहे हैं. लोग डॉ. रतन लाल को मिल रही धमकियों का विरोध कर रहे हैं.
डॉ. के पोस्ट पर विरोध जताते हुए दूरदर्शन के पत्रकार अशोक श्रीवास्तव लिखते हैं कि, “कितना भयावह है ये कि देश के युवाओं को विश्विद्यालयों में @ratanlal72 जैसे बेशर्म प्रोफेसर पढ़ा रहे हैं। ये आदमी DU के हिंदू कॉलेज में पढ़ा रहा है। @DelhiPolice को इसके खिलाफ ऐसी बेहूदा और भगवान शंकर के खिलाफ ऐसी आपत्तिजनक पोस्ट के लिए कड़ी से कड़ी कार्यवाई करनी चाहिए।”
कितना भयावह है ये कि देश के युवाओं को विश्विद्यालयों में @ratanlal72 जैसे बेशर्म प्रोफेसर पढ़ा रहे हैं। ये आदमी DU के हिंदू कॉलेज में पढ़ा रहा है। @DelhiPolice को इसके खिलाफ ऐसी बेहूदा और भगवान शंकर के खिलाफ ऐसी आपत्तिजनक पोस्ट के लिए कड़ी से कड़ी कार्यवाई करनी चाहिए। pic.twitter.com/VZkCeI0Axe
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) May 17, 2022
अशोक श्रीवास्तव के इसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए वरिष्ट पत्रकार दिलीप मंडल डॉक्टर रतन लाल के समर्थन में लिखते हैं कि “प्रोफ़ेसर रतनलाल को आप लोग झेल नहीं पा रहे हैं। अभी नरेंद्र मोदी के आराध्य ज्योतिबा फुले या पेरियार या बाबा साहब का लिखा और सरकार का ही छापा हुआ कोई दो पन्ना पोस्ट कर दिया तो आप लोग बाप-बाप करने लगेंगे।”
प्रोफ़ेसर रतनलाल को आप लोग झेल नहीं पा रहे हैं। अभी नरेंद्र मोदी के आराध्य ज्योतिबा फुले या पेरियार या बाबा साहब का लिखा और सरकार का ही छापा हुआ कोई दो पन्ना पोस्ट कर दिया तो आप लोग बाप-बाप करने लगेंगे। https://t.co/a5fultrMoB
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) May 17, 2022
मामले को लेकर पत्रकार और जाने-माने लेखक भंवर मेघवंशी ने भी डॉ. रतन लाल को निशाना बनाए जाने का विरोध किया है. उन्होंने लिखा “हम अम्बेडकरनामा के संपादक और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर डॉक्टर रतन लाल जी के साथ है. जातिवादी ताक़तें जिस तरह से बहुजन बुद्धिजीवियों के अभिव्यक्ति के अधिकार का दमन कर रही है, वह निंदनीय है”
हम अम्बेडकरनामा के संपादक और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर डॉक्टर रतन लाल जी के साथ है.जातिवादी ताक़तें जिस तरह से बहुजन बुद्धिजीवियों के अभिव्यक्ति के अधिकार का दमन कर रही है,वह निंदनीय है.#WesupportProfRatanlal pic.twitter.com/v9Tl5UqJm7
— Bhanwar Meghwanshi (@bhanwarmegh) May 18, 2022
दिल्ली यूनिवर्सिटी के ही शिक्षक डॉ. लक्ष्मण यादव ने भी डॉ. रतन लाल के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी कर रहे लोगों को आड़े हाथों लिया. उन्होंने लिखा कि, “डीयू के प्रोफ़ेसर रतन लाल @ratanlal72 जी की भाषा से सहमत असहमत हुआ जा सकता है. उनकी बातों से भी आप असहमत हो सकते हैं. मगर उन्हें गालियां, धमकियां देकर ट्रोल करना कहाँ तक उचित है? रतन जी की आड़ में डॉ. आंबेडकर का अपमान करना क्या है? और चिंताजनक यह है कि विश्वविद्यालय से जुड़े लोग भी वाद संवाद से तार्किक प्रतिपक्ष रखने की बजाय हिंसक ट्रोल बनते जा रहे हैं, तो संवाद होगा कब और कहां? सहमति असहमति के बीच संवाद करने की बजाय अब अगर हर कहीं ‘बुलडोजर’ ही चलेगा तो फिर बचेगा कौन? ये प्रवृत्ति समाज द्रोही है”
डीयू के प्रोफ़ेसर रतन लाल @ratanlal72 जी की भाषा से सहमत असहमत हुआ जा सकता है. उनकी बातों से भी आप असहमत हो सकते हैं. मगर उन्हें गालियां, धमकियां देकर ट्रोल करना कहाँ तक उचित है? रतन जी की आड़ में डॉ. आंबेडकर का अपमान करना क्या है?
— Laxman Yadav (@DrLaxman_Yadav) May 18, 2022
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वहीं मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अर्जुन महर लिखते हैं कि, “बाबा साहेब की 22 प्रतिज्ञाओं में से एक प्रतिज्ञा यह थी- “मेरा ब्रह्मा, विष्णु और महेश में विश्वास नहीं होगा और न ही मैं उनकी पूजा करूंगा. यदि संघियों को देश में जहर और नफ़रत फ़ैलाने की आजादी है तो @ratanlal72 जी को कम से कम व्यंग्य करने की तो होनी चाहिए.”
बाबा साहेब की 22 प्रतिज्ञाओं में से एक प्रतिज्ञा यह थी- "मेरा ब्रह्मा, विष्णु और महेश में विश्वास नहीं होगा और न ही मैं उनकी पूजा करूंगा."
— #SaveHasdeo (@Arjun_Mehar) May 18, 2022
यदि संघियों को देश में जहर और नफ़रत फ़ैलाने की आजादी है तो @ratanlal72 जी को कम से कम व्यंग्य करने की तो होनी चाहिए.
#WeSupportProfRatanlal