आरोप है कि मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों में पहले समझौता कराया, बाद में दबाव में दर्ज की एफआईआर।
भोपाल। मध्यप्रदेश के खंडवा में दान में मिला गौवंश ले जा रहे आदिवासियों के साथ बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया है। मामला खंडवा के कोतवाली थाने के ग्राम जमली का है। जानकारी के अनुसार बुरहानपुर जिले के नेपानगर थाना क्षेत्र के ग्राम दही नाला में रहने वाले कुछ आदिवासी खंडवा से दान में मिली करीब 9 गाय लेकर अपने घर जा रहे थे। रास्ते में रात होने से वह अपने रिश्तेदार के यहां रुक गए। इसी बीच गांव के गौरक्षकों को गौ तस्करी की सूचना मिली। गौरक्षक आदिवासी परिवार के घर गए और वहां गौवंश को ले जाने वाले लोगों पर हमला कर दिया।
पीडि़त राम प्रसाद ने बताया कि, हमें किसानों ने 9 गाय दान में दी थीं। तीन गाय खंडवा के टाकली गांव से तीन गाय खापरी गांव और अन्य गाय जमली से ली थीं, जिन्हें हम अपने घर दही नाला ले जा रहे थे। रास्ते में अंधेरा होने पर हम अपने भतीजे के पास ग्राम जमली (खंडवा) में रुके। गांव के कुछ लोग रात एक बजे के करीब आए और हमें पीटने लगे। राम प्रसाद के मुताबिक उन्हें सभी गाय दान में मिली थीं।
राम प्रसाद ने कहा, “हमने उन्हें बताया भी कि यह गाय हमें धर्म में (दान में) मिली हैं, लेकिन वह हमें मारते रहे। हमने उन्हें यह भी कहा कि जिन्होंने हमें यह गाय दान की है, हम उनसे भी पुछवा देंगे। लेकिन वह मारते रहे। मुझे लात-घूसों से और मेरे साले को लकड़ी से पीटा। हमारे दो साथियों को पास ही नाले में ले जाकर हाथ बांधकर पीटा। हमारे साथ महिला थी। उसके साथ भी मारपीट की।”
थाने के लगाते रहे चक्कर
गौ तस्करी के शक में पीटे गए आदिवासी सुबह से शाम तक पुलिस थाने के चक्कर लगाते रहे। पीडि़त पक्ष ने आरोप लगाया है कि, पुलिस ने दबाव के चलते पहले दोनों पक्षों में समझौता कराया। प्रकरण दर्ज नहीं किया। बाद में मामला पुलिस अधीक्षक तक पहुँचा, जिसके बाद शाम को एफआईआर दर्ज कर ली गई। द मूकनायक ने संबंधित थाने के टीआई बीएल अटोदे से बातचीत की। थाना प्रभारी ने बताया कि, “मामले में पुलिस ने समझौता नहीं कराया। पुलिस ने जांच कर प्रकरण पंजीबद्ध किया है।” टीआई से अन्य सवाल करने पर उनके द्वारा अवकाश पर बाहर होने की बात कह कर फोन काट दिया गया।
दोनों पक्षों ने सहमति से किया था समझौता- एसपी
पुलिस इस मामले में पीड़ितों की शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाय समझौते का दबाव बनाती रही, जिसके बाद मामला एसपी तक पहुँचा। मामला दर्ज कर लिया गया। खण्डवा के पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि, पहले दोनों पक्षों की आपसी सहमति से समझौता हुआ था। बाद में पुलिस ने मारपीट और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
पहले भी 2 आदिवासियों की हुई थी लिंचिंग
मध्यप्रदेश के सिवनी में कुछ माह पहले गौवंश की तस्करी करने के शक में दो आदिवासियों को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पीट-पीट कर मार दिया था। एक आदिवासी युवक गंभीर घायल हो गया था। मामला सिवनी जिले के सेमरिया गाँव का था, जहाँ तीन आदिवासियों को रात में घर से उठा कर बेरहमी से पीटा गया था, जिसमें दो आदिवासी युवकों की मौत हो गई थी। बाद में पुलिस ने 13 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था।