कोझीकोड। देश में धर्म के नाम पर हो रहे अपराध रूकने का नाम नहीं ले रहे है। अब देश की एक जानी-मानी महिला एक्टिविस्ट के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। ये महिला एक्टिविस्ट वहीं हैं जिन्होंने 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करके इतिहास रच दिया था। नाम है बिंदु अम्मिनी।
क्या है पूरा मामला
द न्यूज मिनट की खबर के अनुसार, सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली 10 से 50 साल की उम्र की पहली महिलाओं में से एक एक्टिविस्ट बिंदु अम्मिनी पर बुधवार 5 जनवरी को केरल के कोझीकोड में एक व्यक्ति ने हमला किया।
टीवी चैनलों पर इस मारपीट की क्लिप भी दिखाई गई। बिंदु अम्मिनी से मारपीट करने वाले इस शख्स का नाम मोहनदास बताया जा रहा है। वीडियो में शर्ट में एक आदमी बिंदु पकड़कर पीटता हुआ दिखाई दे रहा है। इस शख्स ने अपनी पहचान छुपाने की कोशिश भी की। वह बिंदु का गला घोंटने और उसके सिर को जमीन पर धकेलने की कोशिश करता हुआ दिखाई दे रहा है जबकि बिंदु अपना बचाव करने की कोशिश करती दिखाई दे रही है।
Bindu Ammini (SC) had breached the priestly order by entering the Sabarimala temple in 2019. After that she was attacked several times.
— Suraj Kumar Bauddh (@SurajKrBauddh) January 7, 2022
The left govt always showed its leniency with the goons and did not take any action. Break your silence, commies! pic.twitter.com/L3YzTBUBxF
इस मारपीट के बीच में उस शख्स का चेहरा दिखाई दे जाता है जिससे उसकी पहचान पब्लिक हो जाती है। इस वीडियो के जरिए ही हमलावर को पहचाना गया। इसी पहचान मोहनदास के रुप में की गई। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि वहां पर कई लोग इस मारपीट को देख रहे थे लेकिन किसी ने कुछ भी नहीं किया और ना ही कहा।
एक्टिविस्ट बिंदु अम्मिनी ने आरोप लगाया है कि कि बिना किसी उकसावे के उन पर हमला किया गया। फिलहाल इस घटना के अगले ही दिन पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है।

“देश छोड़ने पर हूं मजबूर..”
अपने ऊपर हुए हमले को लेकर बिंदु अम्मिनी ने गुस्से में अपनी बात रखी। द न्यूज मिनट के अनुसार, बिंदु ने कहा “मैं अब यहां सुरक्षित नहीं हूं, अपना देश छोडकर कहीं और शरण लेना ही एकमात्र विकल्प है।”
बिंदु ने आगे कहा “सबरीमाला में जाने वाली पहली महिला बनने के बाद ही मैं ऐसे हमलों का विषय बन गई थी। जी हां सबरीमाला में जाते ही मैंने अपने दुश्मन बना लिए। ऐसा नहीं है कि कल की घटना एक साजिश थी क्योंकि इससे पहले ही छोटे और बड़े, दक्षिणपंथी समूहों को संदेश दिया गया था कि वे जब भी और जहां भी देखें मुझ पर हमला करें। मुझ पर हमला करने से उन्हें जो फायदा होता है, वह यह है कि उन्हें इनाम और सम्मान मिलता”।
बिंदु ने यह भी कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में भी इस तरह के हमलों का सामना नहीं किया था। उत्तर प्रदेश जहां पर धर्म को लेकर आए दिन ऐसे हमले होते रहते हैं वहां मैं सुरक्षित थी। जब मैं वहां गई थी तो लोग मुझे पहचान कर मुझ पर हमला कर सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”
उन्होंने कहा, “मैं अब यहां सुरक्षित नहीं हूं। मैंने जो फैसला किया है वह देश छोड़कर कहीं और शरण लेने का है।”
पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
बिंदू अम्मिनी ने मीडिया से बातचीत के दौरान पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में पुलिस संघ परिवार के लिए और उनके साथ खड़ी है। पुलिस ने मेरे ऊपर हुए किसी भी हमले की उचित जांच नहीं की है।
उन्होंने कहा,”पुलिस ने हमेशा उन्हें (दोषियों) को बचाने के लिए एक स्टैंड लिया है। हर बार वे मेरा बयान लेते हैं और बयान बाद ही रुक जाते है। मैं यह नहीं कह सकती कि पुलिस निष्क्रिय है, वे सक्रिय हैं लेकिन दोषियों को बचाने के लिए हैं।”
कब-कब हुए हैं हमले
आपको बता दें कि बिंदु अम्मिनी पर हुआ ये पहला हमला नहीं है। इससे पहले भी उन पर कई बार बर्बर हमले हुए हैं। खास करके साल 2019 के बाद उनके साथ मारपीट और उनको हानि पहुंचाने की कई बार कोशिश की गई।
पिछले दिसंबर में उन्हे एक ऑटोरिक्शा ने टक्कर मार दी थी। इस हादसे में उन्हें सिर में चोटें आई थीं। बिंदु अम्मिनी ने उस समय कोयिलैंडी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और आरोप लगाया था कि हमले की योजना उनके सबरीमाला अभियान के कारण बनाई गई थी।
रचा था इतिहास
गौरतलब है कि, 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सबरीमाला मंदिर में महिला कार्यकर्ता बिंदु अम्मिनी ने प्रवेश कर इतिहास रच दिया था। बिंदु ने कनक दुर्गा के साथ 2 जनवरी 2019 को सबरीमाला मंदिर पर चढ़ाई करके इतिहास रचा था।
बिंदु अम्मिनी ने इतिहास तो रचा था लेकिन इसकी वजह से कई लोग तो उनके मुराद हुए लेकिन समाज की रुढ़िवादी सोच को तोड़कर उन्होंने कई दुश्मन भी बना लिए। इसी का नतीजा है कि उन पर आए दिन हमले होते रहते हैं।